बुधवार, 31 अक्तूबर 2007

झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा कर "राजभवन मार्च"

आइझ ३१ अक्तूबर कर दिन गोटा झारखण्ड कर आदिवासी आउर सदानमन सउब झारखंडी भासा के द्वितीय राजभासा बनायेक आउर राइज कर भासा नीति घोषित करेक कर माँग के लेइके "राजभवन मार्च" करलयँ। इ मार्च झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा दन ले आयोजित करल जाय रहे आउर इकर में सभे ९ आदिवासी आउर क्षेत्रीय भासा कर साहित्यिक-सांस्कृतिक संगठन मेसा रहयं। राजभवन मार्च कर अगुवाई डॉ रामदयाल मुंडा, डॉ रोज केरकेट्टा, डॉ बीपी केशरी, डॉ के सी टूडू, डॉ करमचंद्र अहीर, डॉ हरि उराँव, गिरिधारी गोस्वामी "आकाशखूँटी", डॉ दमयंती सिंकु, रमेश जेराई, डॉ वृन्दावन महतो जइसन प्रबुधजन सामुहिक रुपे करलयँ। अखड़ा कर महासचिव वंदना टेटे कहलयं कि जाब तलक ले झारखंडी भासामन के राजभासा कर दरजा नय मिली इ आंदोलन जारी रही.

कोई टिप्पणी नहीं: