tag:blogger.com,1999:blog-52672816958311888662024-03-28T20:30:04.676-07:00जोहार सहियाझारखंडी भाषा का पहला ब्लाग नागपुरी-सादरी मेंजोहार सहियाhttp://www.blogger.com/profile/02760765847692548181noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5267281695831188866.post-38158747865516557732007-10-31T22:47:00.000-07:002007-10-31T22:47:18.111-07:00झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा कर "राजभवन मार्च"<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh8-L2YDxr3woU_2GBiYF9KQvb97CXsCybuy4RI5yFKfMh8cZLRbzthXj8H4JENW6yTLxW8ElxTOGiTGBE8_LDKx4gCpBw0zjI2BWxZds0EQb9bBsQnqwSVYXOIOqP6NQsdLQqnH__qq0Y/s1600-h/31+Oct+Akhra+Rajbhawan+Protest+March_2.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5127721615793200834" style="FLOAT: left; MARGIN: 0px 10px 10px 0px; CURSOR: hand" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh8-L2YDxr3woU_2GBiYF9KQvb97CXsCybuy4RI5yFKfMh8cZLRbzthXj8H4JENW6yTLxW8ElxTOGiTGBE8_LDKx4gCpBw0zjI2BWxZds0EQb9bBsQnqwSVYXOIOqP6NQsdLQqnH__qq0Y/s320/31+Oct+Akhra+Rajbhawan+Protest+March_2.jpg" border="0" /></a>आइझ ३१ अक्तूबर कर दिन गोटा झारखण्ड कर आदिवासी आउर सदानमन सउब झारखंडी भासा के द्वितीय राजभासा बनायेक आउर राइज कर भासा नीति घोषित करेक कर माँग के लेइके "राजभवन मार्च" करलयँ। इ मार्च झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा दन ले आयोजित करल जाय रहे आउर इकर में सभे ९ आदिवासी आउर क्षेत्रीय भासा कर साहित्यिक-सांस्कृतिक संगठन मेसा रहयं। राजभवन मार्च कर अगुवाई डॉ रामदयाल मुंडा, डॉ रोज केरकेट्टा, डॉ बीपी केशरी, डॉ के सी टूडू, डॉ करमचंद्र अहीर, डॉ हरि उराँव, गिरिधारी गोस्वामी "आकाशखूँटी", डॉ दमयंती सिंकु, रमेश जेराई, डॉ वृन्दावन महतो जइसन प्रबुधजन सामुहिक रुपे करलयँ। अखड़ा कर महासचिव वंदना टेटे कहलयं कि जाब तलक ले झारखंडी भासामन के राजभासा कर दरजा नय मिली इ आंदोलन जारी रही.जोहार सहियाhttp://www.blogger.com/profile/02760765847692548181noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5267281695831188866.post-43743974347717060022007-10-25T05:14:00.000-07:002007-10-25T05:14:46.002-07:0031 अक्तूबर के रजधानी में लाठी कर जबाब नगड़ा सेराजभाषा कर मुद्दा में आब तक जे एकतरफा खेइल चलत रहे आउर जे दिकू मदारी मन तमाशा करत रहें उ मनक दिल के ठंडा करेक ले झारखंडी मन पइका नाचबैं। इ नाच ३१ अक्तूबर के रांची कर मेन संडक से सुरु होवी आउर लाट साहेब कर घर-दुरा ठिन फ़ाइनली जाएके खतम होवी। गोटा झारखण्ड से सउब इकर में शामिल होबैं आउर नवो झारखंडी भाषा के द्वितीय राजभाषा बनाएक ले सरकार उपर दबाब बनाबएं।जोहार सहियाhttp://www.blogger.com/profile/02760765847692548181noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-5267281695831188866.post-50982526784864873252007-10-24T20:32:00.000-07:002007-10-24T20:32:31.428-07:00सभी पीछे पड़े हैंएक बार फिर झारखण्ड में भोजपुरिया, मैथिल, बंगाली और उड़िया लोग द्वितीय राजभाषा की दावेदारी से झारखंडी भाषाओं को हटाने के लिए रांची की सड़कों पर लाठियाँ भांज रहे हैं। भोजपुरी लोग अपने ही गृह राज्यों यूपी आउर बिहार में भोजपुरी को राजभाषा का दर्जा नहीं दिला पाए हैं, तो मैथिल, बंगाली और उड़िया लोगों का अपने स्टेट भर से पेट नहीं भरा है। झारखण्ड की नौ आदिवासी एवं क्षेत्रीय भाषाओं का हक मारने के लिए भूखों की तरह चिल्ला रहे हैं। वाह रे मुख्यधारा और सभ्य समाज!जोहार सहियाhttp://www.blogger.com/profile/02760765847692548181noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5267281695831188866.post-27722219204396198192007-10-24T19:59:00.000-07:002007-10-24T19:59:37.742-07:00johar<strong><span style="color:#006600;">जोहार सहिया</span></strong><br />ब्लाग पहें राउरे मन कर स्वागत हय!जोहार सहियाhttp://www.blogger.com/profile/02760765847692548181noreply@blogger.com0